18.4.10

"मेरा  नाम  है  मोहब्बत "

खोयी  खोयी  सी  धीमी  - धीमी  सी 
थोड़ी  अनकही थोडीसी सी  मुस्कुराती
दो  दीलों की   है  इजाज़त  मेरा  नाम  है  मोहब्बत 
दो  दीलों  की  है  इजाज़त  मेरा  नाम  है  मोहब्बत 
भीगे  सपने  काची  यादें
छोटी - छोटी  दिल  की  बातें
कहती  है  यह 
jindgi  कैसी  है  दीवानगी
कोई  रहता  है  आहटों  के  सहारे  
छुलूं  तो  सनसनाहट  मेरा  नाम  है  मोहब्बत 
कुछ  तहरीरें  लीखते रहना
अपने  घर  में  चलते  रहना 
अनजानी  बातों  में  भी  होती  है  दील की लगी
सूखे  लम्हों  में  न  बारीशों  के  किनारे
होठों पे  है  शरारत  मेरा  नाम  है  मोहब्बत
होंटों  पे  है  शरारत  मेरा  नाम  है  मोहब्बत 
अंजान  कवी

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