दोस्त तेर शहर में ,
मील गया जीस नु सहारा दोस्त तेर शहर में ,
तुर्र किवें जांदा वेचारा दोस्त तेरे शहर में ,
अपने दीलबर दा घर बर्बाद होया वेख के ,
तुर गया रो रो नाकारा दोस्त तेरे शहर मेंं ,
जिन्दगी थोड़ी सी लेकीन लुत्फ चंगा दे गयी ,
ली लीया राज्ज के नज़ारा दोस्त तेरे शहर में ,
मस्तीय के बीत जावेगी मेरी ही जिंदगी ,
मील गया ऐसा हुलारा दोस्त तेरे शहर में ,
सह्म्भ के जीस नु मैं रखदा सन ओह दिल वी लुट लीया ,
तुर गया कर के किनारा दोस्त तेरे शहर में ,
सद्द गया जींदा ही तेरे इश्क दी अग्नी मैं ,
उड्ड गया बन्न के शरारा दोस्त तेरे शहर में ,
मौत लेनी वी नहीं सुखी सिफारिश तेरे बीना ,
ज़हर न मिलिया उधर दोस्त तेरे शहर में ,
जरा संभाल के रखियो ,है शीशे वांग दील मेरा ,
उडों की कारन एह आशिक जड़ों महबूब हर वारी ,
नज़र दे सहमने आवे मगर पर्दा गीरा बैठे ,
जरा संभाल के रखियो ,है शीशे वांग दील मेरा ,
एह दील के टूट जाना ,जे तुस्सीं हाथों गीरा बैठे ,
मोहब्बत वालीयां ते एह ज़माना रहम नहीं करदा ,
ज़माने तों हजारन ज़ख़्म ,दील वाले करा बैठे ,
सुरीली तान इस में ं ,कीस तरन होवे भला पैदा ,
तुस्सीं एह साज़ ही अपना ही ली के बेसुरा बैठे ,
कड़े हम दर्द तुन दिल वालियां दी ही नहीं सकदी ,
खुदा जाने ,अस्सीं इतबार किद्दां ,कर तेरा बैठे ,
अंजान कवी
अपने दीलबर दा घर बर्बाद होया वेख के ,
तुर गया रो रो नाकारा दोस्त तेरे शहर मेंं ,
जिन्दगी थोड़ी सी लेकीन लुत्फ चंगा दे गयी ,
ली लीया राज्ज के नज़ारा दोस्त तेरे शहर में ,
मस्तीय के बीत जावेगी मेरी ही जिंदगी ,
मील गया ऐसा हुलारा दोस्त तेरे शहर में ,
सह्म्भ के जीस नु मैं रखदा सन ओह दिल वी लुट लीया ,
तुर गया कर के किनारा दोस्त तेरे शहर में ,
सद्द गया जींदा ही तेरे इश्क दी अग्नी मैं ,
उड्ड गया बन्न के शरारा दोस्त तेरे शहर में ,
मौत लेनी वी नहीं सुखी सिफारिश तेरे बीना ,
ज़हर न मिलिया उधर दोस्त तेरे शहर में ,
जरा संभाल के रखियो ,है शीशे वांग दील मेरा ,
उडों की कारन एह आशिक जड़ों महबूब हर वारी ,
नज़र दे सहमने आवे मगर पर्दा गीरा बैठे ,
जरा संभाल के रखियो ,है शीशे वांग दील मेरा ,
एह दील के टूट जाना ,जे तुस्सीं हाथों गीरा बैठे ,
मोहब्बत वालीयां ते एह ज़माना रहम नहीं करदा ,
ज़माने तों हजारन ज़ख़्म ,दील वाले करा बैठे ,
सुरीली तान इस में ं ,कीस तरन होवे भला पैदा ,
तुस्सीं एह साज़ ही अपना ही ली के बेसुरा बैठे ,
कड़े हम दर्द तुन दिल वालियां दी ही नहीं सकदी ,
खुदा जाने ,अस्सीं इतबार किद्दां ,कर तेरा बैठे ,
अंजान कवी
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